कोई व्यक्ति दुखी नहीं रहे, उनके लिए वही सबसे बड़ा सुख का दिन होगा : राष्ट्रसंतश्री वसंतविजयजी म.सा.
Rashtrasantshree Vasantvijayji M.S.
मंत्र शिरोमणि संतश्री के दिव्य मंत्र शक्तिपात से हजारों लोगों के मिटे रोग, कष्ट व जेब–पर्स में मिले सिक्के, नोट
अष्ट दिवसीय काशी कोतवाल भैरव उत्सव की पूर्णाहुति पर एक लाख दीप होंगे रोशन, आज मनेगी भैरव दीपावली
काशी कोतवाल, बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, श्री पार्श्व प्रभु इत्यादि अनेक मंदिरों में आज लगेगा 56 भोग प्रसाद
वाराणसी। Rashtrasantshree Vasantvijayji M.S.: परमात्मा की पूजा, जप, साधना, कथा हो या किसी प्रकार का अनुष्ठान भक्ति उनके दरबार में कोई व्यक्ति दुखी नहीं रहे, यही उनके लिए सबसे बड़ा सुख का दिन होगा। जगत जननी श्रीदेवी मां पद्मावतीजी, त्रिकाल योगी भैरवदेव सहित अनेक देवी देवताओं की प्रत्यक्ष इस धरा पर उपस्थिति को तप, साधना से चमत्कारों के रूप में देखा जा सकता है, जब यह अदृश्य शक्तियां अपने होने का अनुभव के रुप में एहसास कराती है तो व्यक्ति को असीम सुख, आनंद व समृद्धि की अनुभूति निश्चित होती है। यह कहा राष्ट्रसंत श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, साधना के शिखर पुरूष पूज्यश्री वसंतविजयजी महाराज साहब ने। मंगलवार को यहां काशी कोतवाल भैरव उत्सव में अष्ट दिवसीय आयोजन के सातवें दिन पवित्र दिव्य शक्तिपात रुपी आशीर्वाद प्रदान कर वे बोल रहे थे।
वैश्विक स्तर पर लोगों की बीमारी निवारणार्थ
वैश्विक स्तर पर लोगों की बीमारी, ऋण रुपी उधारी एवं विभिन्न कष्टों के निवारणार्थ इस अलौकिक शक्तिपात में नरिया सुंदरपुर स्थित रामनाथ चौधरी शोध संस्थान के भव्यतम पांडाल में हजारों लोगों की जेब में सिक्के, नोट, लॉन्ग, इलायची, कुमकुम, सिंदूर आदि प्राप्त हुए। वहीं बड़ी संख्या में हजारों लोगों को विभिन्न प्रकार की खुशबूओं का एहसास भी भक्तों को हुआ। यही नहीं दुनिया भर में यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर इस शक्तिपात कार्यक्रम को लाइव देखने वाले हजारों लोगों को भी विभिन्न प्रकार के देवदर्शन, रंगों की अनुभूति तथा रोग मुक्ति के अनेक चमत्कारिक अनुभव हुए। कार्यक्रम में काशी के सतुआ बाबा आश्रम के महामंडलेश्वर संतोषदासजी महाराज एवं श्री काशी कोतवाल भैरव मंदिर के महंत श्रीसुनील दुबेजी भी उपस्थित रहे। दोनों अतिथिवृंद का श्री पार्श्व पद्मावती सेवा ट्रस्ट, कृष्णगिरी के सदस्यों ने स्वागत सत्कार भी किया। इस मौके पर कार्यक्रम स्थल पर जागृत अवस्था में सहस्त्रगुणा आशीर्वाद रूपी फल प्रदान करने वाली 100 फीट के भैरव देव की विशाल मूर्ति का पूज्यश्री की निश्रा में सतुआ बाबा व महंत दुबेजी ने दर्शनार्थ फीता काटकर लोकार्पण किया।
तेजोमय, जाज्वल्यमय प्रकाशवान
कार्यक्रम में पूज्यश्री वसंतविजयजी महाराज साहब ने कहा कि तेजोमय, जाज्वल्यमय प्रकाशवान तथा कर्मों को चूर्ण करने वाली काशी की महिमा निराली है। जहां स्वयं भगवान शिव एवं पार्वतीजी शाश्वत निवास करते हैं ऐसे अविमुक्त क्षेत्र काशी में प्रवेश ही व्यक्ति के दुख निवृत्ति का सबसे बडा पुण्य होता है। प्रसंगवश मय उदाहरण के उन्होंने कहा कि सुख का अर्थ है हर हाल में सुखी रहना। भैरवाष्ट्मी पर्व के मद्देनजर विश्वविख्यात ज्योतिर्लिंग बाबा विश्वनाथ भगवान, अन्नपूर्णा देवी, काशी कोतवाल, श्रीपार्श्वनाथ भगवान सहित अनेक मंदिरों में 56 भोग व्यंजनों का भोग पूज्यश्री की प्रेरणा से श्रीपार्श्व पद्मावती सेवा ट्रस्ट द्वारा लगाया जाएगा। साथ ही अष्ट दिवसीय इस आयोजन की पूर्णाहुति पर बुधवार को यहां आयोजन स्थल पर एक लाख भैरवदेव की मूर्तियों का एक लाख दीप रोशन कर भैरव दीपावली मनाई जाएगी। एक लाख मूर्तियों को इमरती नैवैध्य भोग लगाया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत वेरीफाइड यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया। प्रातः के सत्र में पूज्य गुरुदेव की निश्रा में पूजा, जप, साधना आराधना के बाद शाम को हवन यज्ञ में आहुतियां दी गई तथा रात में मशहूर भजन गायक कलाकार उस्मान मीर ने भक्तिमय प्रस्तुतियों से भजन संध्या में समा बांधा।
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